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Saturday, January 30, 2010




































































































































































































19वें विश्व पुस्तक मेला शुभारंभ

30 जनवरी २०१० से 7फरवरी२०१० तक चलने वाले 19वें विश्व पुस्तक मेले का शुभारंभ आज हो ही गया। उद्घाटन सत्र के बाद पुस्तक मंडपों में दर्शकों की भीड़ थोड़ी-बहुत तो दिखाई तो दी लेकिन छुट्टी का दिन होने के बावजूद लोग उतनी संख्या में नहीं दिखे। सरकारी आंकड़ों में साक्षरता बढ़ रही है लेकिन प्रकाश्कों की मानें तो पाठकों की संख्या घट रही है। यह उल्टा चक्र समझ के परे है। नेह्रू जी दूरद्रष्ठा थे, उन्होंने पुस्तकों के महत्व को समझा था और नेशनल बुक ट्रस्ट जैसी संस्था की स्थापना की। लेकिन आज भला कौन नेता ऐसा सोचता है।माननीय कपिल सिब्बल को ही लीजिए, कहते हैं वे बैरिस्टर हैं किंतु विश्व पुस्तक मेले की बुलेटिन में अपने संदेश में चूकते से दिखाई दिए।वे क्या कहते हैं" मुझे यह जानकर अति प्रसन्नता हुई कि नेशनल बुक ट्र्स्ट 19वें विश्व पुस्तक मेले का आयोजन करने जा रहा है..." कहावत है घर का मुखिया अगुवा होता है उसे जानने की नहीं करने की जरूरत होती है।जिस उम्मीद से प्रकाशक यहां इकट्ठा हुए हैं उनकी मन्नतें पूरी हों विशेषकर विदेशी प्रकाशक अच्छे अनुभव लेकर जाएं ताकि देश का मान बना रहे। तो आइए शपथ लें कि हम इस पुस्तक मेले में जरूर जाएं.










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