19वें अंतर्राष्ट्रीय पुस्तक मेले के अवसर पर राष्ट्रीय प्रकाशक संघ दिल्ली ने साहित्यकारों, मीडियाकर्मियों, प्रकाशकों और पाठकों के साथ एक संगोष्ठी का आयोजन किय.संगोष्ठी
का विषय था --साहित्य और मीडिया: संबंधों का संकट। अनेक वक्ताओं ने अपने विचार रखे।इस संगोष्ठी में यह बात उभरकर आई की आज साहित्य और मीडिया दोनों समाज से कट गए हैं।इसका मूल कारण दोनों माया युग में माया के फिराक में पड़कर समाज से दूर होते जा रहे हैं।जबकि साहित्य और मीडिया दोनों का काम समाज में व्याप्त अंधविश्वासों, हो रहे शोषण,शासक वर्ग की ज्यादितियों खिलाफ अपने-अपने माध्यमों से उनका चित्रण करना था और आइना दिखाना था लेकिन ये माध्यम् आज खुद दागदार हो गए हैं।लिहाजा हमें ही अपने गिरेबान में झांकना होगा और समाज में पु्न: प्रतिष्ठा पाने के लिए आत्म मंथन करना होगा।
का विषय था --साहित्य और मीडिया: संबंधों का संकट। अनेक वक्ताओं ने अपने विचार रखे।इस संगोष्ठी में यह बात उभरकर आई की आज साहित्य और मीडिया दोनों समाज से कट गए हैं।इसका मूल कारण दोनों माया युग में माया के फिराक में पड़कर समाज से दूर होते जा रहे हैं।जबकि साहित्य और मीडिया दोनों का काम समाज में व्याप्त अंधविश्वासों, हो रहे शोषण,शासक वर्ग की ज्यादितियों खिलाफ अपने-अपने माध्यमों से उनका चित्रण करना था और आइना दिखाना था लेकिन ये माध्यम् आज खुद दागदार हो गए हैं।लिहाजा हमें ही अपने गिरेबान में झांकना होगा और समाज में पु्न: प्रतिष्ठा पाने के लिए आत्म मंथन करना होगा।
इस संस्था के अध्यक्ष श्री योगेंद्रपाल त्यागी जी इसके लिए आभारी हैं जिन्होंने इतने महत्वपूर्ण विषय पर संगोष्ठी का आयोजन कर इससे जु्ड़े लोगों को आत्ममंथन करने के लिए विवश किया.
No comments:
Post a Comment