Saturday, August 15, 2009
शादी मुबारक
विगत दिनों वरिष्ठ बालसाहित्यकार शमशेर अहमद खान की सुपुत्री मिनहाज खान का विवाह चिरंजीव शहबाज आलम सुपुत्र श्री सिकंदर काजी के साथ बड़ी सादगी से संपन्न हुआ. इस अवसर पर कई महत्वपूर्ण हस्तियों ने वर-वधू को हार्दिक शुभकामनाएं दीं.
चित्र-01---बाएं से—मूर्धन्य बालसाहित्यकार डॉ. राष्ट्रबंधु, पद्मश्री डॉ. श्यामसिंह शशि,मुनिश परवेज(दामाद),शहबाज आलम(वर),श्री शमशेर अहमद खान,श्री प्रमोद कुमार बजाज( प्रधान संपादक-मायापुरी प्रकाशन समूह) और प्राचार्य डॉ. अंगद सिंह.
चित्र-02—बाएं से—श्री शमशेर अहमद खान, श्री एस. एम. खान (निदेशक फिल्म समारोह),वर शहबाज आलम, मुनिश परवेज(दामाद).
जन्म अष्ठमी और स्वतंत्रा दिवस के अवसर पर रुधौली में हुआ कविता-पाठ
विगत दिनों उत्तर प्रदेश के बस्ती जनपद के अंतर्गत रुधौली तहसील मुख्यालय के डाक बंगले में स्थानीय कवियों की कविता गोष्ठी का आयोजन कवि श्री बनवारी लाल त्रिपाठी की अध्यक्षता में किया गया. इस अवसर पर दिल्ली से पधारे भारत सरकार, गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग,केंहिं.प्र.सं. के वरिष्ठ सहायक निदेशक श्री शमशेर अहमद खान मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए.इस कविता संगोष्ठी में अपनी कविता द्वारा श्रोताओं को मंत्र मुग्ध करने वाले यशस्वी कवियों में बनवारी लाल त्रिपाठी सारंग, सादां, बलिराज भट्ट,कृष्ण भाल पांडेय,आनंद बहादुर सिंह आदि प्रमुख थे. श्रोता जहां सादां की गजल---अक्सरे नव यह चमन हमको सजाना होगा,नगमे,प्यार, वफा फिर से सुनाना होगा, गम नहीं है जो हमें जान से जाना होगा,हमें हर हाल में कश्मीर को बचाना होगा…..कौमी एकता पर आधारित इस गजल को सुनकर दर्शक भाव विभोर हो गए. वहीं कवि श्री सारंग की कविता जो हास्यपरक थी,सुनकर श्रोतागण हंस-हंस कर लोट-पोट हो गए.उनकी स्वरचित कविता बिन बरसात सरयू में बाढ़—कलवारी आए बनवारी- श्रोताओं द्वारा काफी सराही गई. इसके अलावा बलिराज भट्ट की आजादी की कविता भी श्रोतागण में काफी सराही गई.
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