फूलों की रंग-बिरंगी खेती
विगत दिनों किंही कारणों से मुझे एकाएक अपने गांव जाना पड़ा. परंपरागत गेहूं की फसलों के बीच में फूलों को देखकर आंखों को विश्वास तो नहीं हुआ लेकिन यथार्थ को मन कब तक झुठ्लाता अंततोगत्वा फूलों की बहार में मन ऐसे रमा मानों फूलों की वादियों में इठला रहा हो. तो क्यों न आप भी …………..
khubsurat nazaraaaa!!!!
ReplyDeletefaheem qarar