बिहार सरकार यह मानती है कि राज्य की अच्छी भूमि, समुचित वर्षा तथा मीठे भूगर्भ जल की प्रचुर उपलब्धता के बावजूद राज्य में अभी तक अपनी पूर्ण कृषि उत्पादन क्षमता को प्राप्त नहीं किया है जिसके कारण इसकी कृषि उत्पादकता अन्य राज्यों की तुलना में क्म है. लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है. हो सकता है तीनों प्रखंडों में से किसी एक प्रखंड में ऐसी स्थिति हो, लेकिन जिन क्षेत्रों में मीठे जल का विशाल भंडार हो वहां उत्पादकता काफी अच्छी होनी चाहिए, जैसाकि एक्सपर्टों की राय है.
जहां तक गंगा घाटी की कृषि बढ़ोत्तरी और उसकी उपादेयता के दोहन की बात है,बिहारका किसान सालाना तीन से भी अधिक फसलें लेने में माहिर है. आइए आप भी देखें,चित्र क्या कहते हैं………
शमशेर अहमद खान,2-सी, प्रैस ब्लाक, पुराना सचिवालय,सिविल लाइंस,दिल्ली-110054( सभी चित्रों के छायाकार-शमशेर अहमद खान)
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